हर पार्टी अपने स्वरूप में दूसरे से अलग ही होती है। भाजपा के संविधान में गांधीवादी समाजवाद की बात की गई है, जबकि हमारा संविधान सनातन सभ्यता और संस्कृति के पुनरुत्थान के लक्ष्य को दर्शाता है। भाजपा और संघ का हिंदुत्व हमेशा से पोलिटिकल रहा है। वो इसे राजनीति के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं, जबकि एकं सनातन भारत सनातन सांस्कृति को केंद्र में रख कर चल रहा है। यह किसी भी तरह से पोलिटिकल नहीं, बल्कि कल्चरल है। गो-हत्या जैसे मुद्दे का भाजपा और संघ ने वोट पाने के लिए केवल इस्तेमाल किया है और सत्ता में आने के बाद बीफ एक्स्पोर्ट को और बढ़ावा ही दिया है। संघ के नेता राम माधव के अनुसार गो हत्या का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। यह दर्शाता है कि भाजपा/संघ हिंदू सनातन संस्कृति के आधार मानकों में से एक गाय पर भी केवल पोलिटिक्स करती है। जबकि एकं गाय को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के संकल्प को लेकर चला है।
ऐसे ही सत्ता से बाहर संघ/भाजपा मुस्लिमों के प्रति नफरत उड़ेलते रहते हैं जबकि सत्ता में आते ही वह दोगुने वेग से उनका तुष्टिकरण करते हैं जो संविधान की सरासर अवहेलना है। एकं का मानना है कि कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अल्पसंख्यकों की परिभाषा तय होनी चाहिए ताकि संसाधन का समान वितरण समाज में हो सके।
भाजपा/संघ कांग्रेस के ज्यादा करीब है हिंदुओं का उत्पीड़न करने के मामले में। हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ना, विग्रह उखाड़ना और तीर्थ क्षेत्रों को पर्यटन क्षेत्र बनाकर उसकी शुचिता को मिटाने का जो काम हो रहा है, एकं उसके विरुद्ध हिंदुओं को उसके मंदिरों पर अधिकार दिलाने के लिए लड़ रहा है। वैष्णव माता मंदिर को लेकर हमारी लड़ाई कोर्ट में चल रही है। अतः हम कह सकते हैं कि एकं सनातन भारत एक सनातन सभ्यता और संस्कृति के मूल्यों पर आधारित पार्टी है जबकि भाजपा/संघ सिर्फ एक पोलिटिकल पार्टी, जो चुनाव के अनुसार अपने रंग बदलती रहती है।
एकं सनातन भारत का विश्वास संविधान में है, जो उसके सप्त सिद्धांतों का अध्ययन करके साफ स्पष्ट हो जाता है। हम भारत के संविधान और संविधान निर्माताओं के उस विचार में विश्वास रखते हैं जिसमें पूरे संविधान को लागू करना निहित है। देश को स्वतंत्र हुए 75 साल हो चुके हैं, हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, लेकिन आज भी 25-30% संविधान लागू नहीं हो सका है। राज्य के नीति निर्देशक तत्व में वर्णित अनुच्छेद – 44 व अनुच्छेद – 48 पर आज भी सभी पार्टियां मौन हैं। इसी तरह अनुच्छेद -30 एकतरफा लागू है। हम एक मात्र दल हैं जो संविधान में पूर्ण आस्था रखते हुए संविधान को पूरी तरह से लागू करने के पक्षधर हैं ताकि डॉ भीमराव अम्बेडकर जैसे संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके। कोई भी रेडिकल पार्टी संविधान में भरोसा नहीं रखती, लेकिन हमारे सप्त-सिद्धांत संविधान को पूरी तरह से मानने और उसे लागू करने का एक तरह से घोषणा पत्र है।
देश में जब असंवैधानिक रूप से निर्मित सच्चर कमेटी को लागू किया गया हो, संविधान के मूल उद्देश्य को कूड़े में डाल कर SC/ST आरक्षण में मजहब व रिलीजन के आधार पर आरक्षण देने की संभावना तलाशने के लिए जस्टिस बालाकृष्णन पैनल का गठन किया गया हो, पासमांदाकरण करने के नाम पर देश के 30-35 % सरकारी संसाधनों पर केवल एक समुदाय का कब्जा दे दिया गया हो, हिन्दू बहुल जम्मू के अधिकारों को छीन लिया गया हो, लेह की हमारी चौकियों पर चीनी कब्जे हो और हिंदू मंदिरों को जब लूट का अड्डा बना दिया गया हो, और उस पर पूरी पोलिटिकल बिरादरी एकदम से चुप हो तो सड़क से संसद तक जनता को इन सभी सच्चाइयों से अवगत कराने के लिए एक नये राजनीतिक दल की अनिवार्यता बढ़ जाती है।
Ex muslims are like any other citizens of India and equal before the law. If any of them want to accept Sanatan Dharma like Jitendra Narayan Tyagi ji then of course we will ensure that they are not persecuted by law like Jitendra Narayan ji was. By implementing Sidhhant 1 – minorities are only those who are 5% and below, we will ensure that special privileges given to the second largest majority which incentivises conversions to Islam are removed.
Our party does not speak on or interfere with any religion including Sanatan Dharma or Islam. That is a matter for religious scholars of each religion. But we want equal rights for all and we do not want Hindus to be third class citizens of India. No one should have special rights. Modi government has implemented Sachar Committee by and even used it in court to say Hindus are a threat to Muslims. Under Modi govt 15% (muslims) get 35% benefit of all schemes. This is unconstitutional and wrong.
Constitution and law is clear – reservations are meant only for Hindus. Yet they are given to Xians and Muslims by all parties especially after Mandal commission which was proposed by Jan Sangh and Morarji Desai in 1979 and implemented by BJP and VP Singh in 1992. As an example, Modi as CM of Gujrat BJP listed huge numbers of muslims and Xians as OBC. All CMs are following Modi’s example. We will stop this.
Ekam believes that the Indian state is hostile to the Indian rashtra ie civilisation. It systematically discriminates against and persecutes Hindus and Sanatan Dharma. This must be stopped and reversed. This is the core of our dharma as a party. We exist to reverse this and we have a very clear agenda via our Sapt Siddhant for this.
As we said, the Indian state is hostile to Hindus and Hindu Dharma. Once that is reversed and equal rights for Hindus is delivered, along with reversal of demographic jihad, all citizens of India will be treated equally by the state.
Ekam proudly proclaims its Sanatan core in its name. Our Sapt Sidhant are a public and unchangeable commitment. We will not compromise an inch on our Sanatan values and Sapt Siddhant. This is a crystal clear public commitment.